EPCH: भारतीय हस्तशिल्प प्रदर्शन ने तीसरे उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो में खरीदारों को आकर्षित किया
Source : business.khaskhabar.com | Sep 27, 2025 | 
दिल्ली/एनसीआर। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने ग्रेटर नोएडा में आयोजित तीसरे उत्तर प्रदेश``` इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) 2025 के अवसर पर अपने विषयगत मंडप का अनावरण किया और इसका उद्घाटन दीपक कुमार (आईएएस), अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त और सीईओ, यूपीईआईडीए, उत्तर प्रदेश सरकार ने किया।
इस अवसर पर ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना; ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; ईपीसीएच के मुख्य संयोजक और सदस्य सीओए अवधेश अग्रवाल; ईपीसीएच के सीओए सदस्य राज कुमार मल्होत्रा; कारीगर सोसायटी के संरक्षक नजमुल इस्लाम, मुरादाबाद; ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा; अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत, ईपीसीएच के सदस्य निर्यातक और हस्तशिल्प कारीगरों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, "यूपीआईटीएस में ईपीसीएच थीमैटिक पैवेलियन के उद्घाटन के लिए दीपक कुमार की उपस्थिति से हम गौरवान्वित हैं। यूपीआईटीएस तेज़ी से एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के रूप में विकसित हुआ है, जो मुरादाबाद, सहारनपुर से लेकर फिरोजाबाद, आगरा और उससे आगे तक उत्तर प्रदेश की क्लस्टर क्षमताओं के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
ईपीसीएच का विषय आधारित थीम शो केस और लाइव डेमो भारत की डिज़ाइन क्षमता, शिल्प समूहों को जोड़ता है, उत्पाद नवाचार, सस्टेनेबल प्रथाओं और विश्वसनीय डिलीवरी को एक ही छत के नीचे प्रोत्साहित करता है। इससे खरीदार हमारे इकोसिस्टम से जुड़ते हैं जो कारीगर, कला की गहराई और उसकी विविधता को समझते हैं और इसी से आने वाले समय और फैशन सीज़न के अनुकूल सोर्सिंग के लिए माहौल तैयार होता है।"
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा, "यूपीआईटीएस केवल एक प्रदर्शनी से कहीं अधिक है, यह एक ऐसा कार्यशील मंच है जहाँ नीति, बाज़ार और क्लस्टर मिलते हैं। यूपीआईटीएस का तीसरा संस्करण हमें कौशल विकास, डिज़ाइन सहायता और जीआई-आधारित ब्रांडिंग पर राज्य और उद्योग के बीच समन्वय को और मज़बूत करने का अवसर प्रदान करता है।
इस शो में हस्तशिल्प, वस्त्र, चमड़ा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की कला, संस्कृति और व्यंजनों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है । ईपीसीएच के विषयगत मंडप और लाइव शिल्प प्रदर्शनों के माध्यम से, हम न केवल डिज़ाइन और विरासत का प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि एमएसएमई निर्यातकों को गुणवत्ता, स्थिरता और अनुपालन पर खरीदारों की अपेक्षाओं के अनुरूप भी बना रहे हैं।"
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने कहा कि "आयोजन के इस संस्करण में, हस्तशिल्प विकास आयुक्त , वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय के सहयोग से, ईपीसीएच ने 20 सदस्य निर्यातकों की भागीदारी के साथ विषयगत प्रदर्शन की स्थापना की है, जिसमें गृह सज्जा, उपहार, घरेलू वस्त्र, रसोई के सामान, घरेलू उत्पाद आदि प्रदर्शित किए गए हैं और 20 मास्टर शिल्पकारों / कारीगरों द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्प का लाइव प्रदर्शन शामिल हैं जिसमे चन्नपटना खिलौने, मैसूरु; कोलकाता से हस्त-मुद्रित वस्त्र और जूट उत्पाद; इंदौर से चमड़े के खिलौने; जयपुर से कठपुतली; जम्मू और कश्मीर से पेपर माचे; वाराणसी से लकड़ी के खिलौने; और सीतापुर से लकड़ी के उत्पाद का प्रदर्शन भी किया गया है।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा।
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