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सरकार ने रिकॉर्ड 550 कपास खरीद केंद्र शुरू किए, 11 राज्यों के किसानों को मिलेगा लाभ

Source : business.khaskhabar.com | Oct 03, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 government launches record 550 cotton procurement centers benefiting farmers in 11 states 757693नई दिल्ली । सरकार ने देश के 11 राज्यों में अब तक के सबसे अधिक 550 कपास खरीद केंद्रों को शुरू किया है। इन्हें भारत के कापस उत्पादन क्षेत्रों में स्थापित किया गया है, जिससे किसानों को पैदावार को बेचने में मुश्किल का सामना न करना पड़े।  
क्षेत्रीय फसल की तैयारी के साथ खरीद को संरेखित करने के लिए, उत्तरी क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान) में 1 अक्टूबर से, मध्य क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा) में 15 अक्टूबर से और दक्षिणी क्षेत्र (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु) में 21 अक्टूबर से कपास खरीद अभियान शुरू किया जाएगा।
खरीफ कपास सीजन 2025-26 से पहले मजबूत तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कपड़ा मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव ने सभी कपास उत्पादक राज्यों के प्रमुख अधिकारियों, भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) और कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। 
मंत्रालय ने कहा, "उनका हस्तक्षेप पारदर्शी, कुशल और किसान-केंद्रित खरीद तंत्र के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
लाखों किसानों के लिए कपास को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र मानते हुए, मंत्रालय परेशानी मुक्त खरीद, समय पर भुगतान और डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार कर रहा है।
'कपास-किसान' ऐप किसानों के स्व-पंजीकरण, 7-दिवसीय रोलिंग स्लॉट बुकिंग और रीयल-टाइम भुगतान ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है।
सभी राज्यों को किसान पंजीकरण और उपयोग को अधिकतम करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी गई।
मंत्रालय के अनुसार, "किसानों को एमएसपी का लाभ उठाने के लिए 31 अक्टूबर तक ऐप पर पंजीकरण पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। राज्य प्लेटफार्मों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और हरियाणा) पर मौजूदा उपयोगकर्ताओं को मोबाइल ऐप पर अपने रिकॉर्ड सत्यापित करने की सलाह दी जाती है।"
सरकार ने पूर्ण डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भुगतान सीधे आधार से जुड़े बैंक खातों में एनएसीएच के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें बिल बनाने से लेकर भुगतान की पुष्टि तक हर चरण पर एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे।
प्रत्येक केंद्र पर कड़ी निगरानी के लिए स्थानीय निगरानी समितियां (एलएमसी) गठित की गई हैं। सीसीआई ने किसानों की चिंताओं का त्वरित समाधान करने के लिए समर्पित व्हाट्सएप हेल्पलाइन भी शुरू की हैं।
सभी पात्र कपास किसानों को सलाह दी जाती है कि वे तुरंत पंजीकरण कराएं और संकटग्रस्त बिक्री से बचने के लिए डिजिटल साधनों का लाभ उठाएं।
--आईएएनएस
 

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