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भारत-ईएफटीए ट्रेड समझौते से देश की यूरोप के साथ साझेदारी होगी मजबूत 

Source : business.khaskhabar.com | Oct 02, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india efta trade agreement will strengthen indias partnership with europe 757456नई दिल्ली । भारत-ईएफटीए ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (टीईपीए) से देश में 100 अरब डॉलर का निवेश आएगा और दस लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी और इससे भारत की यूरोप के साथ व्यापारिक साझेदारी मजबूत होगी।  
भारत-ईएफटीए ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट एक अक्टूबर से लागू हो गया है।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन देश शामिल हैं। इससे भारत और इन देशों के बीच व्यापार करना आसान हो जाएगा। 
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यह भारत का निवेश प्रतिबद्धता को शामिल करने वाला पहला व्यापार समझौता है, जिससे हितों को संतुलित किया जा सकेगा और भागीदारों के बीच निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी।
इस समझौते के लागू होते समय आयोजित किए गए इवेंट में पीयूष गोयल ने कहा कि चार ईएफटीए देशों की पूरी आबादी अकेले मुंबई शहर की आबादी से कम है, फिर भी साझेदारी ईएफटीए क्षेत्र के बड़े दिल और जबरदस्त क्षमता से प्रेरित है।
गोयल ने समझौते के शुभ समय पर जोर दिया और कहा कि विजयादशमी के साथ नवमी को इसकी शुरुआत समृद्धि, स्पष्टता और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में समझौते द्वारा खोले गए व्यापक अवसरों को रेखांकित करते हुए, इसे वैश्विक व्यापार अस्थिरता, अस्पष्टता और व्यवधान के बीच टीईपीए को स्थिरता और निश्चितता का प्रतीक बताया।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भारत की कम लागत के बारे में बताते हुए कहा कि भारत में डेटा की लागत अमेरिका के मुकाबले 3 प्रतिशत और वैश्विक औसत से 10 प्रतिशत से कम है।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में एबीबी और नेस्ले जैसी स्विस कंपनियों की विरासत को याद किया और बताया कि कैसे भारत ने न केवल एक मजबूत बाज़ार आधार प्रदान किया है, बल्कि वैश्विक विस्तार का केंद्र भी बन गया है।
उन्होंने बताया कि नेस्ले इंडिया और एबीबी इंडिया जैसी कंपनियों की हाई प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो भारत के भविष्य के विकास में बाजारों की अपार क्षमता और विश्वास को दर्शाता है।
ईएफटीए देशों के व्यवसायों को आमंत्रित करते हुए, गोयल ने उन्हें भारत के खुले, पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल वातावरण का आश्वासन दिया, जहां लगभग सभी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।
गोयल ने कहा  कि टीईपीए केवल टैरिफ में कमी या निवेश प्रतिबद्धता के बारे में नहीं है, बल्कि एक स्थिर, पूर्वानुमानित और विश्वसनीय ढांचा स्थापित करने के बारे में है जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाए, अनिश्चितता की लागत कम करे और दुनिया को यह संकेत दे कि भारत और ईएफटीए सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
--आईएएनएस 

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