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भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 2.01 लाख के पार, 21 लाख से ज्यादा लोगों को मिला रोजगार

Source : business.khaskhabar.com | Dec 10, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 the number of startups in india has crossed 201 lakh providing employment to more than 21 lakh people 774703नई दिल्ली। भारत में स्टार्टअप्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया स्कीम के तहत अब देश में 2,01,335 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इन स्टार्टअप्स ने देश भर में 21 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा की हैं, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। ये जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक वार्षिक रिपोर्ट से सामने आई है। 
मंत्रालय ने रिपोर्ट में बताया कि भारत के स्टार्टअप जगत में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है। भारत के तकरीबन आधे (48 प्रतिशत से अधिक) स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है। इससे स्पष्ट है कि महिलाएं भी बिजनेस में आगे बढ़ रही हैं और देश के स्टार्टअप जगत को मजबूत बना रही हैं। 
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दस वर्षों में भारतीय लोगों द्वारा किए गए पेटेंट आवेदन में 425 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही दुनिया में इनोवेशन के आधार पर बनने वाली रैंकिंग, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंक बढ़कर 38 हो गई है, जो अपनेआप में एक बड़ी उपलब्धि है। 
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी भी तेजी से बढ़ रहा है। इसका उद्देश्य है कि ऑनलाइन खरीदारी (ई-कॉमर्स) हर किसी के लिए आसान और सुलभ बने। अक्टूबर 2025 तक ओएनडीसी पर 3.26 करोड़ से ज्यादा ऑर्डर पूरे किए जा चुके हैं। देश के हर जिले को आगे बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना चलाई जा रही है, जिसमें हर जिले के एक खास उत्पाद को पहचानकर उसका प्रचार-प्रसार किया जाता है। 
अब तक देश के 775 जिलों से 1,240 से ज्यादा उत्पाद चुने जा चुके हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा बनाए जा रहे पीएम एकता मॉल्स इन उत्पादों को पूरे देश में लोकप्रिय बनाने में मदद कर रहे हैं। इतना ही नहीं, व्यापार करने को आसान बनाने के लिए सरकार ने 47,000 से ज्यादा बेकार नियम हटा दिए हैं और 4,458 नियमों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। कई कामों की मंजूरी देने वाला नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम भी काफी सफल रहा है, जहां अब तक 8.29 लाख से ज्यादा स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने 14 बड़े क्षेत्रों में पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना शुरू की है। इसके तहत अब तक 1.88 लाख करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है, जिससे 17 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का उत्पादन हुआ है और 12.3 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इन योजनाओं की मदद से भारत से 7.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का सामान विदेशों में निर्यात भी हुआ है। 
रिपोर्ट में अक्टूबर 2021 में शुरू की गई पीएम गतिशक्ति योजना (पीएमजीएस) का भी जिक्र किया गया है, जो एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) है, जो देश में सड़क, रेल, एयरपोर्ट, पोर्ट और अन्य परियोजनाओं को एक साथ जोड़कर बेहतर योजना बनाने में मदद करती है। इस योजना से अब तक 57 मंत्रालय और विभाग जुड़ चुके हैं। 
इसी तरह यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी), जो राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत बनाया गया एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, अब 11 मंत्रालयों की 44 सिस्टमों से जुड़ चुका है। यह अलग-अलग मंत्रालयों में बंटे हुए डेटा को जोड़कर लॉजिस्टिक्स सिस्टम में काम करने वाले सभी लोगों को आसानी से जानकारी साझा करने में मदद करता है। -आईएएनएस

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