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भारत में जून तिमाही में 12 अरब डॉलर का एफआईआई इक्विटी प्रवाह

Source : business.khaskhabar.com | July 04, 2023 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 $12 billion fii equity inflows into india in june quarter 571264नई दिल्ली। अन्य देशों की तुलना में भारत में 30 जून को समाप्त तिमाही के लिए 12.2 अरब डॉलर का मजबूत एफआईआई प्रवाह (इक्विटी) दर्ज किया गया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री जाह्न्वी प्रभाकर ने एक रिपोर्ट में कहा कि दूसरी ओर, दक्षिण कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया जैसे देशों को भारत की तुलना में बहुत कम निवेश आया है।

उधर, अमेरिका और थाईलैंड से एफपीआई बाहर गया है। हालांकि, यह दिलचस्प है कि जापान को 66 बिलियन डॉलर का मजबूत एफपीआई प्रवाह प्राप्त हुआ है।

डेब्ट फ्लो के मामले में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया अन्य देशों से आगे हैं। अन्य देशों की तुलना में भारत में डेब्ट फ्लो अपेक्षाकृत कम है, हालांकि यह अभी भी इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से अधिक है।

कुछ वैश्विक स्टॉक सूचकांकों ने मार्च से जून तक दोहरे अंक में रिटर्न प्राप्त किया है। इनमें सबसे ज्यादा उछाल निक्केई और उसके बाद रूस और सेंसेक्स में दर्ज किया गया है। भारत की विकास गाथा में घरेलू मांग में बढ़ोतरी के संकेत और तेल की कीमतों में नरमी का बड़ा योगदान है जिसके कारण भारतीय इक्विटी अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, बेहतर आईपीओ रिटर्न और अनुकूल माहौल के साथ मजबूत वित्तीय बाजार देश में अधिक एफआईआई प्रवाह को आकर्षित करेंगे।

भारतीय अर्थव्यवस्था निवेश के लिए एक पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है, जैसा कि पिछले कुछ महीनों में मजबूत एफपीआई प्रवाह से दिखता है। यह स्थिर सरकारी नीतियों, मजबूत मैक्रो फंडामेंटल, स्थिर मुद्रास्फीति और सतत विकास दर की पृष्ठभूमि में होने की संभावना है।

दूसरी ओर, वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं धीमी वृद्धि, बढ़ी हुई मुद्रास्फीति, मंदी की आशंका और केंद्रीय बैंकों द्वारा दर वृद्धि चक्र की चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

स्थिर विकास के मामले में, चीन की अर्थव्यवस्था में भी कुछ रुकावट आई है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए दूसरे देशों पर भरोसा करना पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने वैश्विक समकक्षों की तुलना में सबसे अधिक लाभ कमाया है, खासकर इक्विटी बाजारों में।

(आईएएनएस)





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