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भारत और सिंगापुर ने व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने पर की बातचीत

Source : business.khaskhabar.com | Aug 16, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india and singapore hold talks on deepening trade and investment ties 744810नई दिल्ली  । भारत और सिंगापुर ने एक संयुक्त कार्य समूह की बैठक आयोजित की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में सुधार, नियामक ढांचे को सुव्यवस्थित करने और सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के तरीकों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। 
बैठक में सेमीकंडक्टर सेक्टर और व्यापार के डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की गई और कौशल विकास, क्षमता निर्माण और पारस्परिक लाभ के लिए अन्य उभरते क्षेत्रों में संभावित साझेदारियों की खोज की गई।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इन अवसरों को ठोस परिणामों में बदलने के लिए अधिक लगातार संपर्क के महत्व पर सहमत हुए।
भारत-सिंगापुर व्यापार एवं निवेश संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजीटीआई) की चौथी बैठक गुरुवार को नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में भारत द्वारा आयोजित की गई।
बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय के स्थायी सचिव डॉ. बेह स्वान जिन ने की। यह बैठक एक दिन पहले आयोजित तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) के बाद हुई।
अग्रवाल ने कहा कि भारत-सिंगापुर संबंध पारंपरिक व्यापार से कहीं आगे बढ़ चुके हैं। हालांकि दोनों देश पहले से ही व्यापार और निवेश में मजबूत जुड़ाव में हैं, फिर भी आगे सहयोग के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं।
वर्ष 2025 भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) की 20वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
2005 में हस्ताक्षरित सीईसीए, भारत द्वारा किसी भी साझेदार के साथ किया गया पहला व्यापक व्यापार समझौता था और सिंगापुर का किसी दक्षिण एशियाई देश के साथ ऐसा पहला समझौता था।
सिंगापुर, आसियान के भीतर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका 2024-25 के दौरान कुल द्विपक्षीय व्यापार 34.26 अरब डॉलर था।
यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) स्रोत भी है, जिसमें अप्रैल 2000 और जुलाई 2024 के बीच 163.85 अरब डॉलर (11,24,509.65 करोड़ रुपए) का इक्विटी प्रवाह हुआ, जो भारत के संचयी प्रवाह का लगभग 24 प्रतिशत है।
--आईएएनएस
 

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