हिन्दुस्तान जिंक और एपिरोक की साझेदारी ने माइनिंग सुरक्षा को दिया वैश्विक मानक
Source : business.khaskhabar.com | Aug 28, 2025 | 
उदयपुर। भारत की अग्रणी और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी, हिन्दुस्तान जिंक ने सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एपिरोक के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है। इस सहयोग के तहत, एपिरोक का कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम चरणबद्ध रूप से हिन्दुस्तान जिंक की खदानों में लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित सिंदेसर खुर्द माइन से होगी, जिसे दुनिया की शीर्ष पाँच चांदी उत्पादक खानों में गिना जाता है।
पायलट चरण में यह अत्याधुनिक प्रणाली सिंदेसर खुर्द माइन में उपयोग किए जा रहे 30 लो प्रोफाइल डंप ट्रकों पर लगाई जाएगी। भूमिगत संचालन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए इन ट्रकों के साथ यह तकनीक एकीकृत होकर कार्यबल और उपकरण दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यह प्रणाली लगातार वाहनों के आसपास के वातावरण की निगरानी करती है, नजदीकी कर्मियों और उपकरणों का पता लगाती है और रियल-टाइम दृश्य एवं श्रव्य अलर्ट के माध्यम से ऑपरेटर की जागरूकता को बढ़ाती है। तकनीक की खूबी यह है कि यह केवल चेतावनी ही नहीं देती, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर स्वायत्त हस्तक्षेप भी करती है, जिससे टकराव की आशंका को न्यूनतम किया जा सके।
यह समाधान प्रॉक्सिमिटी सेंसर, ऑपरेटर डिस्प्ले यूनिट और पहनने योग्य व्यक्तिगत टैग के साथ एकीकृत है, जो एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म से जुड़कर निरंतर डेटा कैप्चर और विश्लेषण की सुविधा देता है। इस डेटा के आधार पर सुरक्षा ऑडिट, नियामक अनुपालन और रणनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया और भी सटीक हो जाती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मौजूदा मशीनरी के साथ सहज रूप से जुड़ सकता है और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार स्केलेबल भी है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि जिंक, लेड और चांदी जैसी रणनीतिक धातुएं क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन और आधुनिक तकनीकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिंक उत्पादक के रूप में हिन्दुस्तान जिंक का लक्ष्य हमेशा ऐसे डिजिटल नवाचारों को अपनाना है, जो उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा को भी एक नए स्तर तक ले जाएं। एपिरोक का कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न केवल परिचालन उत्कृष्टता बल्कि तकनीकी नेतृत्व के प्रति भी कंपनी की प्रतिबद्धता को और मज़बूत करता है।
एपिरोक रॉक ड्रिल्स एबी की प्रेसिडेंट और सीईओ हेलेना हेडब्लॉम ने इस साझेदारी को माइनिंग सुरक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक प्रगति बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली दर्शाती है कि किस प्रकार डिजिटल नवाचार सक्रिय जोखिम प्रबंधन में मददगार हो सकता है। इंटेलिजेंट सेंसिंग, रियल-टाइम अलर्ट और स्वायत्त वाहन नियंत्रण जैसी क्षमताओं के माध्यम से यह समाधान परिचालन मजबूती और कार्यबल की सुरक्षा, दोनों को सुनिश्चित करता है।
यह पहल दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में सिंदेसर खुर्द माइन में सिस्टम की स्थापना, अंशांकन और ऑपरेटर प्रशिक्षण शामिल होगा। इसके बाद दूसरे चरण में इस तकनीक को राजस्थान की अन्य भूमिगत खदानों तक विस्तार दिया जाएगा और इसे कंपनी-व्यापी सुरक्षा प्रोटोकॉल में समाहित किया जाएगा।
सुरक्षा और तकनीकी उत्कृष्टता की यह पहल हिन्दुस्तान जिंक की सस्टेनेबिलिटी यात्रा को और भी मजबूत बनाती है। एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में हिन्दुस्तान जिंक को लगातार दूसरे वर्ष मेटल और माइनिंग सेक्टर में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी का दर्जा मिला है। इसी वर्ष कंपनी इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी भी बनी है। यह उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि हिन्दुस्तान जिंक न केवल धातुओं के उत्पादन में बल्कि जिम्मेदार और टिकाऊ माइनिंग के क्षेत्र में भी वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है।
पांच दशकों से अधिक की विशेषज्ञता के साथ हिन्दुस्तान जिंक लगातार ऑटोमेशन, रिमोट संचालन और सटीक निगरानी जैसी तकनीकों को अपनाता आया है। एपिरोक के साथ यह साझेदारी इस यात्रा को और गति देती है। यह पहल न केवल निवेशकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य निर्माण का संकेत है, बल्कि हितधारकों के लिए पारदर्शी और सुरक्षित संचालन तथा कर्मचारियों के लिए गर्व और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।
हिन्दुस्तान जिंक इस साझेदारी के माध्यम से एक स्पष्ट संदेश देता है—हमारा हर नवाचार, हमारे लोगों और हमारे भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए है।
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