Rolls-Royce ने भारत को बनाया होम मार्केट, फाइटर जेट इंजन साझेदारी से रक्षा क्षेत्र में क्रांति
Source : business.khaskhabar.com | Oct 10, 2025 | 
मुंबई। लग्जरी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की वैश्विक दिग्गज Rolls-Royce ने भारत को अपनी वैश्विक रणनीति का नया और अहम केंद्र घोषित कर दिया है। कंपनी के सीईओ तूफान एरगिनबिलजिक (Tufan Erginbilgic) ने बुधवार को मुंबई में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि Rolls-Royce भारत को अपना “होम मार्केट” बनाना चाहती है। यह बयान उस समय आया है जब भारत और ब्रिटेन अगली पीढ़ी के फाइटर जेट इंजन के संयुक्त विकास पर बातचीत कर रहे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) के साथ भारत दौरे पर आए एरगिनबिलजिक ने कहा कि कंपनी भारत में अपने सहयोग और साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने ज़ोर दिया कि Rolls-Royce की अत्याधुनिक तकनीक भारत की 'विकसित भारत' यात्रा को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सबसे बड़ी रणनीतिक साझेदारी फाइटर जेट इंजन को-डेवलपमेंट प्रोग्राम में होने की उम्मीद है । यदि यह समझौता सफल होता है, तो Rolls-Royce किसी भारतीय कंपनी के साथ मिलकर इस शक्तिशाली इंजन का निर्माण करेगी।
यह साझेदारी न सिर्फ़ भारत के रक्षा आत्मनिर्भरता मिशन (Defence Self-Reliance) को नई दिशा देगी, बल्कि भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा कर देगी जो फाइटर जेट इंजन डिज़ाइन और निर्माण की क्षमता रखते हैं।
Rolls-Royce ने भारत में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी एंड इनोवेशन सेंटर का विस्तार शुरू कर दिया है । कंपनी की महत्वाकांक्षी योजना है कि आने वाले वर्षों में यह सेंटर Rolls-Royce का सबसे बड़ा ग्लोबल हब बनेगा , जो उसके सिविल एविएशन, डिफेंस और पावर सिस्टम बिजनेस को सपोर्ट करेगा।
कंपनी ने 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को सीधे समर्थन देने की योजना बनाई है। इसके तहत, Rolls-Royce की योजना 2030 तक भारत से सप्लाई चेन सोर्सिंग को दोगुना करने की है । साथ ही, भारतीय टैलेंट डेवलपमेंट और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को सशक्त बनाकर रोज़गार और नवाचार के अवसर बढ़ाए जाएँगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इस विस्तार को ब्रिटेन की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का प्रतीक बताया और कहा कि यह दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी संबंधों को नई ऊंचाई देगा । Rolls-Royce का यह कदम भारत के ऊर्जा, सुरक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नई तकनीक और क्षमता प्रदान करने के 90 वर्षों के सफर का नया दौर है ।
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